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Tuesday, November 15, 2022

How to learn to draw painting पेंटिंग बनाना कैसे सीखें |


पेंटिंग बनाना कैसे सीखें | चित्रकारीसीखने का सबसे आसान तरीका





चित्रकला बनाना कैसे सीखें….? आइये जानते है।


यदि आप पेंटिंग बनाने के शौकीन है लेकिन आप को

पेंटिंग कैसे करना यह जानकारी नही है तो हम आपको इस लेख के माध्यम से बता रहे है कि चित्रकारी की शुरुआत कैसे करना है। वैसे तो आजकल पेंटिंग सीखने के लिए कई आर्ट क्लासेज, Andorid apps और स्कूल -कॉलेजो में ढेरों डिप्लोमा डिग्री कोर्सेज करवाये जाते है।

लेकिन कई लोगो के लिए आर्ट क्लासेस और स्कूल कॉलेजेस में Addmission लेने और फीस के रूप में इतना पैसा खर्च करने की गुंजाइश नही होती है।








चित्रकारी करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है चित्रकारी के प्रति आपकी रुचि , और आपका चित्रकारी करने का जुनून।


पैंटिंग  हाथों से ज्यादा दिमाग़ से बनाई जाती है। इसके लिए आपका कल्पनाशील होना आवश्यक है।


कोई चित्र कैनवास पर बनाने से पहले आपके दिमाग़ में बनना चाहिए।

इसके लिए आप किसी दृश्य को पहले बहुत ध्यानपूर्वक देखें। उसकी बारीकियों को समझें।

फिर उसे कैनवास पर या कागज पर उकेरने का प्रयास करें।


आइये अब हम आपको बताते है कि कैसे आप आसान तरीके से चित्रकारी सीख सकते है।

👇👇



सबसे पहले तो आपको चित्रकारी के सामान की व्यवस्था करना होगी।

जैसे:- पेंसिल, कागज, रबर(eraser), शार्पनर, ड्राइंग बोर्ड, बोर्ड पिन, कैनवास, वाटर या ऑइल कलर, स्कैच पेन, स्केल और ब्रश आदि।

यदि यह सब आपके पास नही है तो भी घबराने और अपने शौक को अधूरा छोड़ने की आवश्यकता नही है।

आप सादे कागज पर सिर्फ पेंसिल की सहायता से भी चित्रकारी करने का अभ्यास कर सकते है ।

सामान इतना आवश्यक नही है, आवश्यक है तो आपका चित्रकारी करने का जुनून।





यदि आपको चित्रकारी मे रुचि है तो आप कहीं भी किसी भी माध्यम से अपनी कला को प्रदर्शित कर सकते है।

इसलिए अपने काम को जारी रखे। पहले हम शुरुआत तो करें, फिर धीरे-धीरे सामान भी कहीं न कहीं से मिल ही जायेगा। ये सब सामान प्रोफ़ेशनल कलाकारी में उपयोग होता है। आप अपनी कल्पना को किसी भी माध्यम से उकेर सकते है। इसलिए अपना पैशन मत छोड़िए।

पैंटिंग करते रहिये...।


तो चलिए अब आगे बढ़ते है।


अगर आप जानना चाहते है कि चित्रकारी में कौन-कौन से सामान की आवश्यकता होती है? तो यहाँ दी जा रही

लिंक पर क्लिक जरूर करे 👉

पेंटिंग में काम आने वाले उपकरण



यदि आपके पास यह सामान उपलब्ध हो जाये तब आप

ऐसे स्थान का चयन करें जहाँ पर्याप्त रोशनी हो।

आप बाहर खुले में या घर की छत पर भी चित्रकारी कर सकते है।

यह ध्यान रखे कि वहाँ हवा ज्यादा न चल रही हो और मौसम साफ हो। आसपास ज्यादा शोर न हो।

अन्यथा आपको चित्रकारी करने में परेशानी आएगी और आप ठीक से कार्य नही कर पाएंगे।




यदि आपने स्थान का चयन कर लिया है तो, अब यह भी सुनिश्चित कर लीजीये कि आप खड़े रह कर या बैठ कर काम करना पसंद करेंगे?

आप बैठे-बैठे काम करना चाहते है तो एक दरी या चादर जमीन पर बिछा लीजिये और उस पर कागज रखने के लिये ड्राइंगबोर्ड या कोई समतल पटिया आदि रख लीजीये।

उस पर अपने कागज या ड्राइंग शीट को रख लीजिए।और चित्रकारी करना आरंभ कीजिये।

और यदि आप खड़े रहकर कार्य करना चाहते है तो।

किसी टेबल या ऐसे ऊँचे स्थान (लगभग आपकी कमर के बराबर ऊँचा हो) जहाँ पर आप अपने ड्राइंग बोर्ड को रखे और उस पर कागज के चारो कोनो पर पिनो को ऐसे लगाए की कागज हिले-डुले नही । आप पेपर टेप का उपयोग भी कर सकते है।



अब आप पेंसिल को उंगली और अंगूठे की सहायता से ठीक से पकड़े ।


आपको चित्रकारी की शुरुआत करने के लिए यहाँ कुछ सुझाव दिए जा रहे है जिन्हें आपको स्टेप बाय स्टेप फॉलो करना होगा।

सबसे पहले हमें पेंसिल या चाक को ठीक से पकड़ कर चलाने का अभ्यास करने होगा उसके लिए आप निन्म बातों का अभ्यास करें:-


1.रेखाएं:-

चित्रकारी में रेखाओं का बहुत महत्व है।

इसलिए सबसे पहले रेखायें बनाने का अभ्यास

करें।



(1) पेंसिल से कागज पर पहले सीधी रेखाएं बनाने का

      अभ्यास करें।



       जैसा कि आपको चित्र में दिख रहा है ।


(2) खड़ी रेखाएं बनाने का अभ्यास करें।


(3) फिर थोड़ी मोटी रेखायें बनाये।


(4) लहर जैसी रेखाएँ बनाने का अभ्यास करें।


(5) डॉट लगाना सीखें। 

      



(6) वक्रीय रेखायें बनाये। 


(7) आड़ी तिरछी ज़िगज़ेग रेखायें बनाने का अभ्यास

       करे।


(8) दो समानांतर रेखाएं बनाने का अभ्यास करें।


(9) क्रॉस रेखाएं बनाने का अभ्यास करें।


(10) गोल आकृति बनाने का भी अच्छे से अभ्यास

        करें।


(11) बड़े-छोटे गोले बनाये जैसे :- वृत,गोलाकार रचनाये।




यदि आप अपने द्वारा बनाई रेखाओं को ध्यान से देखेंगे तो आपको इनमें अलग-अलग भाव प्रदर्शित होंगे ।

जैसे :- शांति, व्याकुलता, गहराई, उलझन, गड़बड़ी आदि।

हर रेखा कुछ न कुछ बोलते हुए नजर आएगी।




आप इन रेखाओं को बनाने का भरपूर अभ्यास कीजिये।

आप इन्हें निरन्तर एक-दो दिन या और अधिक दिनों तक बनाने का अभ्यास करते रहिए।

जब आपको इन सभी रेखाओं को बनाना आ जाये तब आप आगे के अभ्यास की ओर बढ़े।


2.रचनाएं:-

अलग-अलग रेखाओं को मिला कर सरल रचनाएं बनाने का अभ्यास कीजिये।

जैसे:-त्रिभुज, आयत, वर्ग और ऐसी ही ज्यामितीय आकृतिया बनाने का अभ्यास बहुत अच्छे से कीजिए।

पहले बिना स्केल से बनाने का अभ्यास करें ।





3.आकृतियां:-

अपने आसपास उपलब्ध वस्तुओं को देख कर उनकी हूबहू आकृति बनाने की कोशिश करें। किसी भी वस्तु की आकृति बनाने से पूर्व उसे बहुत बारीकी से देखे।

आपने पहले रेखाएं बनाने का अभ्यास किया है।

उसी अभ्यास के आधार पर जिस वस्तु का चित्र आप बनाने का प्रयास कर रहे है उसको विभिन्न रेखाओं के रूप में देखे।





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shailesh kapdi rajkot (gujarat)

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