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Wednesday, July 20, 2022

liyonardo the vinchi लिओनार्दो दा विंची


दुनिया के अब तक के सर्वश्रेष्ठ चित्रकार (Painter) माने जाने वाले लियोनार्डो दा विंची (Leonardo Da Vinci) ने बेमिसाल कृतियां दी हैं.  वे एक चित्रकार के साथ ही एक मूर्तिकार, एक आविष्कारक (Inventor) भी थे जो अपने समय से बहुत आगे की सोच रखने वाले शख्स माने जाते थे. उनकी कृतियां बेमिसाल थी जिनकी नकल करके भी लोग शोहरत हासिल कर लिया करते थे. लेकिन बताया जाता है कि मरते समय उन्हें इस बात का अफसोस था कि वे दुनिया को अपना बेहतरीन नहीं दे सके. इसलिए वे पूरी मानवता के गुनहगार हैं. प्रख्यात आविष्कारक, चित्रकार, मूर्तिकार, चिंतक व अद्भुत प्रतिभा के धनी लियोनार्डो द विंची का जन्म सन् 1452 में इटली के टस्कनी इलाके में विंची नामक गाँव में हुआ था।

उनकी माता एक निर्धन परिवार से थीं और एक धनी व्यक्ति सर पियरो से प्रेम करती थीं। तत्कालीन दहेज कुप्रथा के कारण दोनों का विवाह नहीं हो पाया था। लियोनार्डो के जन्म के बाद सर पियरो का विवाह एक धनवान् परिवार की युवती से और लियोनार्डो की माता का विवाह एक गरीब व्यक्ति से हो गया था। बालक लियोनार्डो अपने पिता के घर पर ही पला-बढ़ा। उसकी प्रतिभाएँ बचपन में ही रंग लाने लगी थीं। जब वह अपने चाचा के साथ अपने खेतों में जाता तो हर प्राकृतिक चीज जैसे पक्षी, झरना आदि के बारे में सवाल करता था और धीरे-धीरे सभी के चित्र बनाने लगा था। ज्यादा-से-ज्यादा चित्र बनाने के लिए उसने विधियों और उपकरणों का आविष्कार प्रारंभ किया। 15-16 वर्ष की उम्र में सर पियरो अपने बेटे को फ्लोरेंस ले गए, जहाँ पर उन्होंने प्रख्यात चित्रकार वीरोचियो के स्टूडियो में लियोनार्डो के प्रशिक्षण की व्यवस्था की। प्रशिक्षु लियोनार्डो ने अपनी ऐसी प्रतिभा का प्रदर्शन किया कि गुरु वीरोचियो को चित्रकला से संन्यास लेना पड़ा।

फ्लोरेंस में काफी दिन रहने और काम करने के बाद लियोनार्डो ने मिलान की ओर रुख किया, जहाँ पर लुडविको सोर्जा का राज्य था। लुडविको को एक ऐसे व्यक्ति की तलाश थी, जो उसके लिए युद्ध संबंधी आविष्कार कर सके। लियोनार्डो ने उसके लिए अनेक हथियार व विधियाँ जैसे मजबूत पुल, पत्थर फेंकनेवाली मशीनें आदि तैयार कीं। लियोनार्डो समय से बहुत आगे थे। वे जितना सोच लेते थे, तत्कालीन समाज उस हद तक न तो सोच सकता था और न ही उनके बनाए चित्रों व स्केचों के आधार पर निर्माण कर सकता है। अतः लियोनार्डो के ज्यादातर आविष्कार या तो स्केचों तक सीमित रह गए या वे मॉडलों के रूप में ही रहे और बाद में नष्ट हो गए।

लियोनार्डो अपने हर विचार, हर प्रयोग, हर विधि को अपनी नोटबुक में लिखते थे। उन्हें डर था कि उनका ज्ञान कोई और न चुरा ले और इसलिए उन्होंने लिखने की एक अद्भुत कला विकसित की थी, जिसे जब शीशे के सामने रखा जाता था तब सीधे-सीधे पढ़ा जा सकता था। लियोनार्डो का युग रेनेसाँ युग या पुनर्जागरण युग कहलाता है। इस युग में ऐसे लोग हुए, जिनके विचार व कार्यशैली परंपरा से हटकर थी। लियोनार्डो को इस युग का जनक भी कहा जाता है, क्योंकि उनकी सोच में नयापन था। उन्होंने उड़ने की कल्पना की। इसके लिए उन्होंने पक्षियों के शरीर की चीर-फाड़ भी की और यह जानने का प्रयास किया कि आखिर ये पक्षी उड़ते कैसे हैं। वे हर घटना या हर गतिविधि के समय नए ढंग से ही सोचते थे। एक बार छत को पेंट करते समय उन्होंने आर्कमिडीज के स्क्रू को उलटा करके इसके सिद्धांत के आधार पर उड़ने की कल्पना कर डाली। उन्हें लगा कि यदि इस स्क्रू के माध्यम से हवा ऊपर की ओर फेंकी जाए तो अवश्य ही व्यक्ति ऊपर उठता चला जाएगा। उनकी उड़ने की कल्पना बहुआयामी थी और उसके लिए उन्होंने अनेक प्रकार के प्रयास किए। हवाई जहाज का मॉडल आर्कमिडीज स्क्रू के आधार पर तैयार किया। उन्होंने पैराशूट का मॉडल तैयार किया। हेलीकॉप्टर की भी उन्होंने डिजाइन तैयार की। हालाँकि वे अपनी डिजाइनों को मूर्त रूप नहीं दे सके और दे भी नहीं सकते थे, क्योंकि प्रौद्योगिकी उन्नत नहीं थी।

उनके चित्रों से आभास होता है कि उनकी कल्पना किस कदर उन्नत थी। यह माना जाता है कि अपनी उड़नेवाली मशीन में उन्होंने अपने स्वामी राजा लुडविको सोर्जा को उड़ाया भी था जिसमें उनकी टाँग टूट गई थी। यदि उनके पास हलकी निर्माण सामग्री, उपयुक्त शक्ति-स्रोत होते तो वे अवश्य उड़ान भर लेते। हालाँकि आज उड़ना इसलिए संभव हो पा रहा है, क्योंकि हमें वायु गतिकी का सिद्धांत मालूम है। पर लियोनार्डो के चित्रों से यह लगता है कि वे चिडि़यों की तर्ज पर ही उड़ने का प्रयास कर रहे थे। लियोनार्डो के काल में इटली छोटे-छोटे राज्यों में बँटा था, जिनका आकार शहर जैसा था। ये राज्य आपस में तो लड़ते ही थे, विदेशी आक्रांता को भी आमंत्रित कर लेते थे। लियोनार्डो को इस कारण अपना स्थान समय-समय पर बदलना पड़ा। वे जहाँ भी रहे, अपने राज्य की सुरक्षा-व्यवस्था को चाक-चौबंद करने हेतु उन्होंने तमाम आविष्कार किए। वायु की ही तरह उन्हें जल से भी प्यार था और वे जानते थे कि वायु शक्ति की ही तरह जल शक्ति भी विराट् होती है और यदि इसे बाँध लिया जाए तो यह बहुत बड़े-बड़े कार्य संपन्न कर सकती है। जब वे वेनिस में थे तो तुर्कों ने जल मार्ग से आक्रमण किया। रेनेसाँ युग में लोगों को यह अहसास हो गया था कि बुद्धि की ताकत से तलवार की ताकत को हटाया जा सकता है। जब लोगों ने रक्षा के लिए लियोनार्डो से गुहार लगाई तो उन्होंने पहले कृत्रिम रूप से नदी का बाढ़ उत्पन्न करने की योजना बनाई। पर जब इसे प्रशासन की स्वीकृति नहीं मिली तो आक्रमणकारी जहाजों को डुबोने के लिए उन्होंने अनोखा गोताखोरी सूट तैयार किया। पर इसका भी प्रयोग नहीं हो पाया। शांति काल में लियोनार्डो ने सुंदर-सुंदर तसवीरें बनाईं। उनकी मोनालिसा की तसवीर आज भी मिसाल है। अनेक तसवीरें उन्होंने दीवारों पर तैयार कीं जो आज भी सुरक्षित हैं। उन्होंने अनेक इमारतें व मूर्तियाँ भी तैयार करवाईं। पर ये सभी आज खंडित अवस्था में हैं।

लियोनार्डो गजब के जिज्ञासु थे। वे हर चीज जानना चाहते थे और उसके लिए हर संभव प्रयास भी करते थे। जब उन्हें युद्ध का दृश्य बनाने का अवसर मिला तो उसके लिए उन्होंने मानव शरीर के विभिन्न अंगों की चीर-फाड़ करके उनका गहराई से अध्ययन किया। उन्होंने अंगों के स्केच भी तैयार किए और प्लास्टर के मॉडल भी। उन्होंने हृदय का भी चित्र बनाया, पर यह नहीं समझ पाए कि यह रक्त को पंप करता है। उस समय के लिए ये सभी बड़ी बातें थीं।

आयु बढ़ने से उनकी सक्रियता कम न हुई। युद्धों के कारण वे उजड़ते भी रहे, पर हर नया शासक उनका मूल्य समझ जाता था। सन् 1512 में फ्रांसीसियों को जब मिलान से खदेड़ दिया गया तो वे रोम पहुँचे। वहाँ पर नए पोप मेडिची ने उन्हें एक नई कार्यशाला व कुछ सहायक आविष्कारी कार्य हेतु उपलब्ध कराए। ये सहायक उनकी सहायता करने के स्थान पर उन्हें परेशान करते थे। पक्षी-प्रेमी, शाकाहारी लियोनार्डो को दिखा-दिखाकर वे पक्षियों का मांस खाते थे। फिर भी उन्होंने स्क्रू में चूडि़याँ बनाने के लिए मशीन तैयार कीं। उन्होंने तौलने की स्वचालित मशीन तैयार की। पानी की घड़ी, आर्द्रता मापी उनके अन्य आविष्कार थे। मजाक करने, लोगों को डराने के लिए भी उन्होंने उपकरण व युक्तियाँ तैयार कीं। साँड़ की आँतें फुलाकर बैलून का रूप देना, डरावने प्राणी का रूप देना उनका शौक था।

लियोनार्डो ने शांति वार्त्ताओं के लिए भी ऐतिहासिक यंत्र व युक्तियाँ तैयार कीं। उन्होंने एक यंत्र मानव (रोबोट) तैयार किया, जिसने कुछ कदमों की यात्रा की और फिर अपना सीना खोलकर दिखाया, जिसमें अंदर लिली के फूल थे। उस काल में शांति वार्त्ता करनेवालों पर उसका कैसा प्रभाव पड़ा होगा, इसकी मात्र कल्पना ही की जा सकती है। जीवन के अंतिम चरण में सन् 1516 में वे फ्रांस गए, जहाँ पर फ्रांकोयस प्रथम ने उन्हें आश्रय दिया। उन्होंने अपने स्वामी के लिए प्रीफैब्रिकेटेड भागों को मिलाकर एक किला तैयार किया, जिसमें तमाम झरने भी थे और बड़े-बड़े कक्ष भी। उसमें बने प्रसाधन कक्षों के द्वार स्वतः बंद हो जाते थे। जीवन के अंतिम दिनों में भी उनकी उड़ने की इच्छा बनी रही, हालाँकि उनके हाथ में लकवा मार गया था। उन्होंने ग्लाइडर की कल्पना कर डाली। आजीवन कुँआरे रहे लियोनार्डो को फ्रांकोयस बहुत मानता था। सन् 1519 में लियोनार्डो का निधन हो गया। उनके सहायक ने उनका काफी कृतित्व समेटा और उसे सहेजकर रखने की व्यवस्था भी की; पर उनमें से दो-तिहाई या तो नष्ट हो गया या खो गया। पर बचा एक-तिहाई भी जब अगले 200 वर्षों में मूर्त रूप ले पाया तो यह उन्हें महान् साबित करने के लिए पर्याप्त था।

लिओनार्दो दा विंची के बारे में कुच रोचक तथ्य:-

1. लिओनार्दो दा विंची पहले ऐसे इंसान थे जिन्होंने आकाश का रंग नीला होने का सही कारण बताया था, ऐसा इसलिए क्योंकि हवा सूरज से आने वाली रौशनी को बिखेर देता है और नील रंग में बाकी रंगों की तुलना में फैलने की क्षमता अधिक होती है तो हमें दिन में आकाश नीला दिखाई देता हैं.

2. लियोनार्डो दा विंसी एक ही समय में एक हाथ से लिख सकते थे और दूसरे हाथ से Drawing कर सकते थे.

3. Contact lenses का सुझाव सबसे पहले लिओनार्दो दा विंची ने सन् 1508 में दिया था.

4. कैंची का अविष्कार करने वाले लिओनार्दो दा विंची ही थे.

5. लिओनार्दो दा विंची बाजार से पिंजरे वाले जानवरो को खरीदते थे ताकि उन्हें आजाद कर सकें.

6. लियोनार्डो बहुत कट्टर शाकाहारी थे, क्योंकि वो जानवरों से बहुत प्यार करते थे.

7. लियो दा विंसी एक धनी वकील के नाजायज पुत्र थे.

8. बिल गेट्स ने 1994 में लिओनार्दो दा विंची की किताब Codex Leicester को 30 मिलियन US डॉलर में ख़रीदा था. जिसके कुछ पन्नो को Windows 95 में Screen Saver के रूप में भी प्रयोग किया गया था.

9. लियो की पढ़ाई घर पे ही हुई थी क्योंकि Greek व Latin में Formal एजुकेशन की कमी थी.

10. लियोनार्डो दा विंसी बहुत आसानी से शब्द को उल्टे क्रम में लिख लेते थे, जैसा हमें शीशे में लिखा हुआ दिखाई देता हैं. वो ऐसा तब लिखते थे जब कोई सीक्रेट बात लिखनी हो.

11. Guinness World Record के अनुसार लियोनार्डो कि मोना लिसा कि पेंटिग इतिहास में सबसे ज्यादा Insurance Value वाली पेंटिग हैं. 1911 में पेरिस के Louvre म्यूजियम से चोरी होने के बाद यह सबसे फेमस तस्वीर बन गई. 2015 में इसकी कीमत 780 मिलियन US $ थी.

12. एक Face-Recognition सॉफ्टवेर के अनुसार, लिओ दा विन्सी की मोना लिसा 83%खुश, 9% Disgusted, 6% डरी हुई व 2% गुस्से में हैं.

13. लिओनार्डो ने मोना लिसा की आंख की दाई पुतली पर अपने हस्ताक्षर किये थे.

14. यकीन करना मुश्किल हैं लेकिन लिओनार्दो दा विंची ने कुछ चीज़ो का अविष्कार 1400 ईस्वी के अंत में या 1500 ईस्वी के शुरुआत में किया था। असल में उन्होंने सबसे पहले पैराशूट, हेलीकॉप्टर और ऐरोप्लेन स्केच तैयार किया था। उन्होंने सबसे पहली Repeating राइफल व टैंक भी डिजाईन किया था, और अगर इतना काफी नहीं है तो उन्होंने सबसे पहला झूलता पूल, Paddleboat व मोटरकार भी डिजाईन किये थे.

15. ये बात हैरान कर देने वाली हैं कि इतना कुछ करने वाले लियोनार्डो दा विंसी अपनी ज़िंदगी में कभी स्कूल नही गए.

16. King Francis 1, जो विंसी के अच्छे दोस्त भी थे. लियोनार्डो ने 2 मई 1519 में इन्हीं की बांहो में दम तोड़ा था.

17. लिओनार्दो दा विंची के अंतिम शब्द थे “मैनें भगवान और मानवता को नाराज़ किया हैं, मेरा काम उस गुणवत्ता तक नही पहुंचा जहाँ तक पहुचना चाहिए था

लिओनार्दो दा विंची के विचार:-

• मैं उनसे प्रेम करता हूँ जो मुसीबत में मुस्कुरा सकें , जो संकट में शक्ति एकत्रित कर सकें , और जो आत्मचिंतन से साहसी बन सकें।

• जहाँ मैं सोचता था कि मैं जीना सीख रहा हूँ, वहीँ मैं मरना सीख रहा था।

• सादगी परम जटिलता है।

• एक अच्छी तरह से बिताया दिन सुखद नींद लेकर आता है |

• कला कभी ख़त्म नहीं होती , उसे बस त्याग दिया जाता है।

• सबसे बड़ी ख़ुशी समझने की ख़ुशी है।

• जैसे एक अच्छी तरह बिताया दिन सुखद नींद लेकर आता है , उसी तरह एक अच्छी तरह बिताया जीवन एक सुखद मौत लेकर आता है।

• मैं किसी काम को करने की तत्परता से प्रभावित हूँ।  सिर्फ जानना पर्याप्त नहीं है ; हमें लागू करना चाहिए। इच्छा रखना काफी नहीं है ; हमें करना चाहिए।

• आंखें क्यों किसी चीज को जगे हुए कल्पना करने की तुलना में  सपनों में ज्यादा स्पष्ठ्टा से देखती  हैं?

• जहाँ आत्मा हाथों से काम नहीं करती वहाँ कोई कला नहीं है।

• वो जो सिद्धांत जाने बिना अभ्यास से प्रेम करता है , उस नाविक के समान है जो जहाज पर बिना पतवार और कम्पास के चढ़ जाता है और कभी नहीं जानता कि वो किधर जा सकता है।

• प्रकृति कभी अपने नियम नहीं तोड़ती।

• जो सदाचार बोता है वो सम्मान काटता है।

• समय उसके लिए लम्बे समय तक रहता है जो इसका इसका इस्तेमाल करता है।

• वो जो एक दिन में अमीर बनना चाहता है, उसे एक साल में फांसी पर लटका दिया जायेगा।

• जो आप नहीं समझते, यदि उसकी प्रशंशा करते हैं तो बुरा करते हैं, लेकिन अगर निंदा करते हैं तो और भी बुरा करते हैं।

• हर उस व्यक्ति के लिए समय की कोई कमी नहीं रहेगी  जिसे  समय का उपयोग करना आता है।

• शादी साँपों से भरे बैग में इस आशा के साथ हाथ डालना है कि मछली निकले।

• जिस जगह पर लोग चिल्ला कर या चीख कर बात करते है वहां सच्ची जानकारियां नहीं मिल सकती।

• आप अच्छे लीडर बनना चाहते है, ये सभी चाहते है कि लोग आपकी बात सुने तो ज्यादा बातचीत न करे। चुप्पी को हथियार बनाए।

• अनुपयोग से लोहा जंग खा जाता है, स्थिरता से पानी अपनी शुद्धता खो देता है… इसी तरह निष्क्रियता मस्तिष्क की ताकत सोख लेती है।

• विज्ञान, आर्मी का कप्तान और प्रैक्टिस, सैनिकों की तरह होती है।

• एक खूबसूरत शरीर ख़त्म हो सकता है, लेकिन एक आर्ट वर्क कभी खत्म नहीं होता।

• समय के साथ किसी भी चीज को जोड़ा जा सकता है, वह सच ही हो सकता है।                                                                                                                   मोना लिसा पेंटिंग से मिली सबसे ज्यादा पहचान                                              इतिहास में दा विंची को उनकी मशहूर पेंटिंग मोनालिसा की वजह से ज्यादा पहचाना गया. यह एक लड़की पोट्रेट था जिसके बारे में बहुत सारी व्याख्याएं हुई. आज भी यह बहस का विषय है कि पोट्रेट में यह लड़की मुस्कुरा रही है या फिर दुखी है. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यह पेंटिंग दो अलग लड़कियों के आधे हिस्सों का मिश्रण है. इस पेंटिंग की लड़की के चेहरे के भावों को पढ़ना शोध का विषय रहा है.                                                                                       


और भी कृतियां हुई प्रसिद्ध

लेकिन मोनालिसा के अलावा उनकी बहुत सी कृतियां प्रसिद्ध हुईं जिनमें द लास्ट सपर ऐसी पेंटिंग थी जिसकी दुनिया में सबसे ज्यादा अनुकृतियां बनी. उनकी विट्रयूवियन मैन भी एक महान धरोहर मानी जाती है जो उनकी शरीर विज्ञान के बारे में जानकारी देती है. इसके अलावा 'द अडोरेशन ऑफ द मागी' , 'द वैप्टिस्‍म ऑफ क्राइस्‍ट', 'मडोना ऑफ द कारनेशन' और 'द एनंसिएशन' भी उनकी बहुत रोचक कृतियां मानी गईं. 

  एक आविष्कार भी थे दा विंची   दा विंची एक चित्रकार और मूर्तिकार ही नहीं थे. उनकी चित्रकारी में बहुत से विषयों की गहराई झलकती है. उन्होंने उस जमाने में उड़ने वाली मशीनों, सौर ऊर्जा से चलने वाली मशीन, और ऐसी कई चीजों की कल्पना कर उनके चित्र बनाए थे जो उस जमाने में कोई सोच भी नहीं पाता था.     

 
विविध विषयों के जानकार

उन्होंने कई खोजे भी की जिनका संबंध वास्तुकला, सिविल इंजीनियरिंग, भूगर्भविज्ञान, प्रकाशकीय, जीवविज्ञान, जलगतिकी जैसे विषयों से था, लेकिन उनके आविष्कारों को उन्होंने कभी प्रकाशित नहीं कराया. शरीर विज्ञान पर तो उनकी जानकारी के बहुत से लोग कायल थे. उन्होंने अस्पतालों में मौजूद शवों के जरिये शरीर की संरचना का अध्ययन किया और उनके 240 चित्र बनाए.                                                                                                                                    जब गुरू से भी आगे निकल गए दा विंची

लियोनार्डो की चित्रकारी की शिक्षा पूरी होने के बाद उन्होंने अपने गुरू वेरोचियो के साथ जीसस क्राइस्ट के बैप्टिज्म की तस्वीर बनाई. यह तस्वीर वेरोचियो के जीवन की सबसे बेहतरीन पेंटिंग थी. इसे बनाने में लियोनार्डो ने ऑयल पेटिंग की जिन तकनीकों का सहारा लिया उसे पहले किसी दूसरे चित्रकार ने इस्तेमाल नहीं किया था. अपने शिष्य की प्रतिभा को देखकर वेरोचियो ने हमेशा के लिए कूची नीचे रख दी और चित्रकारी से संन्यास ले लिया था.                                                                                                                                                              

 मानव जाति का गुनहगार?  लियोनार्डो दा विंची का  2 मई 1519 फ्रांस में निधन हो गया था. 'लाइफ फ्रॉम बिगिनिंग' के मुताबिक, उनके अंतिम शब्द थे, 'मैं ईश्वर और समस्त मानवजाति का गुनहगार हूं. मेरा काम गुणवत्ता के उस स्तर तक नहीं पहुंच पाया जहां उसे पहुंचना चाहिए था.' काम की उत्कृष्टता के प्रति ऐसी लगन उन्होंने जीवन भर दिखाई जो हमेशा ही दिखाई दी.             


            

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