आज हम हरियाणा कुरुक्षेत्र के रहने वाले भरत जांगड़ा(पेंटर व आर्टिस्ट) की जो अपने जीवन में कई उतार चढ़ाव संघर्ष करके अपनी कला को निखारा अद्भुत चित्रकारी व वॉल पेंटिंग विज्ञापन को एक नई राह दिखाई
अपने गुरुश्री श्यामलाल वर्मा जो जुधियाना में बहोत विख्यात (आर्टिस्ट व वॉल पेंटर) की प्रेरणा से साल 1980 में कार्य शुरू किया,आदरणीय भरतभाई ने श्यामलालजी वर्मा की छत्रछाया में 10 साल तक वॉल पेंटिंग की प्रारंभिक शिक्षा ली।
सन 1988 में पंजाब के उस समय के बहुत प्रचलित पंजाब एडवरटाइजिंग की माध्यम से अपना प्रथम वॉल पेंटिंग का कार्य शुरू किया अपने कार्यकाल में उसका प्रथम वॉल पेंटिंग हीरो साइकिल का रहा इस कार्य में उनको पूरे भारत में वॉलपेंटिंग करने का अवसर मिला उस वॉल पेंटिंग से भारत के कई राज्यों में नए नए लोगो को मिलने के अवसर मिला और नए नए लोगो को वॉलपेंटिंग के फायदे व कमाई का एक नया उदाहरण पेस किया,कई राज्यों में भरतभाई जांगड़ से प्रेरणा लेके नए नए लोग वॉल पेंटिंग में जुड़ने लगे वॉलपेंटिंग की विख्यात से उस दौर में विज्ञापन को बहुत ही सराहा गया नए नए लोग जुड़ने लगे
भरतभाई जांगड ने साल 2005 तक वॉल पेंटिंग किया और अपने कार्यकाल में कई नए पेंटर को वॉलपेंटिंग का व्यवसाय सिखाया और रोजगारी की एक नई राह दिखाई। ऐसे हरियाणा के व्याख्यात भरतभाई जांगड़ा को पूरा हरियाणा पेंटर भाई ओ आशीर्वाद देते है की जिनकी बदौलत आज वे लोग रोजगारी से सक्षम है
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